आगरा। कलश यात्रा प्राचीन शिव मंदिर परिसर से शुरू हुई और छलेसर चौराहा, पथवारी माता मंदिर, हनुमान मंदिर से होते हुए वापस श्री कृष्ण वाटिका परिसर में पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु पीत वस्त्र पहन कर व सिर पर कलश धारण कर शामिल हुई। इससे पूर्व कथा स्थल पर हवन पूजन किया गया। कथा का शुभारंभ करते हुए कथावाचक वेदप्रकाश महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा, ऐसी कथा है, जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है।
उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें। श्रीमद्भागवत कथा के श्रावण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। इस अवसर पर परिक्षत मोहन सिंह, सोन देवी, यघपति केदार सिंह, राजकुमारी देवी, माधव सिंह, मनीष बघेल,नारायण सिंह,सुरेश बघेल, मुकेश, मान सिंह, शिवकुमार, बसंत लाल, सूरज बघेल, देवकी नंदन, कन्हैया, दीपचंद बघेल, खेतपाल सिंह बघेल आदि मौजूद रहे ।